दिल्ली की एक अदालत ने राष्ट्रपति के चार अंगरक्षकों को बलात्कार का दोषी पाया है। आरोप था कि क़रीब छह साल पहले राष्ट्रपति अंगरक्षक दल में से दो गार्डो ने 17 साल की एक लड़की के साथ बलात्कार किया था। 17 साल की इस लड़की के साथ हुई बलात्कार की वारदात की देश भर में कड़ी निंदा हुई थी क्योंकि इसमें राष्ट्रपति भवन की विशेष यूनिट के सैनिकों के शामिल होने की बात कही जा रही थी. और ये एक 'अभूतपूर्व कलंक' था।
सोमवार को दिल्ली के सत्र न्यायालय ने मामले में शामिल दो अंगरक्षकों को दोषी करार दिया, इन्हें आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसके सारवरिया ने हरप्रीत सिंह और सत्येन्द्र सिंह को 17 साल की लड़की से बलात्कार करने का दोषी पाया जबकि कुलदीप सिंह और मनीष कुमार को इस घटना को अंजाम देने, अपहरण करने और लूटमार करने का दोषी पाया गया. शनिवार 22 अगस्त को आरोपियों को सज़ा सुनाई जाएगी।
6 अक्तूबर 2003 को दिनदहाड़े एक लड़की के साथ दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में बलात्कार की वारदात हुई थी.अभियोजन पक्ष का कहना था कि यह लड़की अपने दोस्त के साथ राष्ट्रपति भवन से जुड़े इस पार्क में घूम रही थी कि उन पर चार सैनिकों ने हमला कर दिया. दो अंगरक्षक सैनिकों ने पहरा दिया जबकि दो अन्य ने उस लड़की के साथ बलात्कार किया।
सोमवार को दिल्ली के सत्र न्यायालय ने मामले में शामिल दो अंगरक्षकों को दोषी करार दिया, इन्हें आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसके सारवरिया ने हरप्रीत सिंह और सत्येन्द्र सिंह को 17 साल की लड़की से बलात्कार करने का दोषी पाया जबकि कुलदीप सिंह और मनीष कुमार को इस घटना को अंजाम देने, अपहरण करने और लूटमार करने का दोषी पाया गया. शनिवार 22 अगस्त को आरोपियों को सज़ा सुनाई जाएगी।
6 अक्तूबर 2003 को दिनदहाड़े एक लड़की के साथ दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में बलात्कार की वारदात हुई थी.अभियोजन पक्ष का कहना था कि यह लड़की अपने दोस्त के साथ राष्ट्रपति भवन से जुड़े इस पार्क में घूम रही थी कि उन पर चार सैनिकों ने हमला कर दिया. दो अंगरक्षक सैनिकों ने पहरा दिया जबकि दो अन्य ने उस लड़की के साथ बलात्कार किया।
बुद्ध जयंती पार्क राष्ट्रपति भवन के नज़दीक है जहां कई सौ सुरक्षाकर्मियों का लगातार पहरा रहता है। पिछले दिनों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और बलात्कार के मामलों में सैनिकों पर लगातार उंगलियां उठ रही हैं।
फैसले से असंतुष्ट दोषियों के रिश्तेदारों ने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। ये दोषी 2003 में गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में थे। फैसला सुनाए जाने के बाद अदालत कक्ष से बाहर निकलने के दौरान दोषियों ने कैमरे की नजर से अपना चेहरा छिपाने की असफल कोशिश की। मुख्य आरोपियों हरप्रीत सिंह और सत्येंद्र के वकील रणबीर शर्मा ने कहाकि टिप्पणी करने से पहले मैं फैसला पढूंगा। हालांकि अभियोजन के मामले में कई कमियां थीं। अपील स्वाभाविक परिणाम है। उन्होंने बताया कि शिनाख्त परेड के दौरान लड़की का ब्वायफ्रेंड आरोपियों की पहचान करने में विफल रहा।
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