पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट
संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
6 Comments - 19 Apr 2011
पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को ...

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संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकार
4 Comments - 19 Apr 2011
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए। पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ...

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Saturday, August 29, 2009

नेपाली उपराष्ट्रपति ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को दी चुनौती।

नेपाल में पिछले कुछ समय से चल रहे हिंदी विवाद में शुक्रवार को उस समय नया मोड़ गया जब उपराष्ट्रपति परमानंद झा ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दे दी। उन्होंने महान्यायवादी से इस फैसले की समीक्षा करने को भी कहा है। 
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अपने अपने आदेश में कहा था कि झा या तो नेपाली में अपने पद की शपथ लें अथवा बर्खास्तगी का सामना करें। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने से पहले झा ने दबाव में आकर नेपाली में शपथ लेने से इंकार कर दिया था। झा के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने से पहले अटकलों का दौर जारी था कि एक बार और शपथ लेने के अपमान से बचने के लिए झा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। 
झा के कानूनी सलाहकार मिथिलेश सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के विवादास्पद फैसले की पांच न्यायाधीशों की पूर्ण पीठ समीक्षा करेगी। इसका मतलब यह हुआ नेपाल में हिंदी विवाद अभी कुछ दिन और चलेगा।  यह विवाद पिछले वर्ष तब शुरू हुआ था जब नेपाल गणराज्य बना था और झा उपराष्ट्रपति चुने गए थे।  
काठमांडू के एक वकील बालकृष्ण नेपाने ने एक याचिका दाखिल कर परमानंद झा के हिंदी में शपथ लेने को असंवैधानिक कहा था। भारत की सीमा से लगे नेपाल के तराई क्षेत्र में हिंदी भाषा बोली जाती है। 

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