पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट
संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकता: बालाकृष्णन
6 Comments - 19 Apr 2011
पूर्व प्रधान न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने संपत्ति से संबंधित सूचनाओं के गलत उपयोग बताते हुए आयकर अधिकारियों से कहा कि वह अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं कर सकते। सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता पी बालाचंद्रन की ओर से आयरकर विभाग से बालाकृष्णन की संपत्ति की सूचना मांगने पर आयकर अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने हलफाना दाखिल किया है कि वह अपनी सम्पत्ति को ...

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संवैधानिक अधिकार है संपत्ति का अधिकार
4 Comments - 19 Apr 2011
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि संपत्ति का अधिकार संवैधानिक अधिकार है और सरकार मनमाने तरीके से किसी व्यक्ति को उसकी भूमि से वंचित नहीं कर सकती। न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति ए के गांगुली की पीठ ने अपने एक फैसले में कहा कि जरूरत के नाम पर निजी संस्थानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने में सरकार के काम को अदालतों को 'संदेह' की नजर से देखना चाहिए। पीठ की ओर से फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति ...

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Monday, August 31, 2009

हाई कोर्ट ने पीसीएस (प्रारंभिक) का परिणाम रद्द किया


इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश प्रांतीय लोक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा-2007 के परिणामों को रद्द कर दिया है और राज्य लोक सेवा आयोग से एक महीने के अंदर फिर से परीक्षा आयोजित करने को कहा है।

न्यायाधीश अमिताव लाल और उमानाथ सिंह की खंडपीठ ने बुधवार को धनंजय सिंह द्वारा दायर रिट याचिका को अनुमति देते हुए यह आदेश जारी किया। सिंह 30 सितंबर 2007 को आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे जिसका परिणाम इस वर्ष एक फरवरी को घोषित किया गया था।

याचिकाकर्ता ने कहा कि भले ही वह सफल नहीं हुए लेकिन जिन उम्मीदवारों को उनसे कम अंक प्राप्त हुए वह सफल घोषित किए गए क्योंकि सामान्य श्रेणी, ओबीसी, एससी एवं एसटी के लिए अलग-अलग कटऑफ निर्धारित किया गया है।

उनके वकील संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा मुख्य परीक्षा का हिस्सा नहीं है बल्कि मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले छात्रों की पात्रता निर्धारित करने के लिए महज एक स्क्रीनिंग टेस्ट है और इस प्रकार प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘‘किसी उम्मीदवार का चयन पूरी तरह मुख्य परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर होता है और उम्मीदवारों की योग्यता का पता लगाने के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों को नहीं गिना जाता है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को प्रारंभिक स्तर पर अंक को कम करना संवैधानिक जनादेश नहीं है। यह सिर्फ पदोन्नति के लिए उचित है। जो लोग मूल योग्यता रखते हैं वहीं मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने के हकदार हैं।’’

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