दिल्ली की एक अदालत ने छह वर्ष पुराने बुद्धा गार्डन सामूहिक बलात्कार मामले में राष्ट्रपति के सुरक्षा दस्ते के गार्ड हरप्रीत सिंह और सत्येंद्र सिंह को उम्रकैद तथा कुलदीप सिंह व मनीष कुमार को 10-10 साल की सजा सुनायी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसके सरवरिया ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गत 17 अगस्त को दोषी करार दिया था. न्यायाधीश ने शनिवार को फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि हरप्रीत और सत्येंद्र बलात्कार, अपहरण और डकैती के प्रयास के दोषी हैं, जबकि कुलदीप और मनीष ने उन्हें यह अपराध करने में मदद की.अभियोजन पक्ष के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़नेवाली पीड़ित लड़की छह अक्तूबर 2003 को अपने मित्र के साथ राष्ट्रपति भवन के निकट इस पार्क में घूमने आयी थी। उसी समय वहां आये राष्ट्रपति भवन के सुरक्षा गाडाब हरप्रीत और सत्येंद्र ने उसके साथ बलात्कार किया, जबकि उनके दो सहयोगी कुलदीप और मनीष आसपास नजर रखे हुए थे।
यह है मामला
दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा 6 अक्टूबर 2003 को अपने मित्र के साथ राष्ट्रपति भवन के निकट बुद्धा पार्क में घूमने गई थी। उसी समय वहां आए राष्ट्रपति भवन के सुरक्षा गार्डो हरप्रीत और सत्येन्द्र ने पहले लड़की के मित्र के साथ मारपीट की और फिर लड़की को पार्क में सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया। इस दौरान उनके दो सहयोगी कुलदीप और मनीष आसपास नजर रखे हुए थे। अपराध के दौरान चारों डयूटी पर थे। निचली अदालत ने उसे क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच लाख 66 हजार रूपए देने का आदेश दिया हुआ है।
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