पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Friday, August 21, 2009

हड़ताल से खफा होकर जारी आदेश पर खंडपीठ की रोक।


जोधपुर वकीलों की हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए महीने के अंतिम कार्यदिवस की दैनिक वाद सूची (कॉज लिस्ट) तैयार नहीं करने के मामले में एकलपीठ द्वारा दिए गए आदेश पर राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी है। 

न्यायाधीश ए.एम.कपाड़िया व न्यायाधीश देवनारायण थानवी ने रोक लगाते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए है। यह आदेश मुख्यपीठ जोधपुर बचाओ संघर्ष समिति, हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन व हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन द्वारा दायर अपील में दिए है। अपीलार्थी ने एकलपीठ के न्यायाधीश गोविंद माथुर की ओर से 17 अगस्त को वकीलों की हड़ताल पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने रजिस्ट्री अधिकारियों से पूछा था कि हर महीने के अंतिम कार्यदिवस की दैनिकवाद सूची (कॉज लिस्ट) तैयार क्यों नहीं की जाती। 

इस आदेश को चुनौती देते हुए अधिवक्ता एम.आर.सिंघवी ने कहा कि राजस्थान हाईकोर्ट के नियम 54 के तहत न्यायाधीशों को कार्य आवंटित करने का अधिकार मुख्य न्यायाधीश को ही है। अपील में यह भी कहा गया कि मुख्य न्यायाधीश ने हाईकोर्ट की मुख्यपीठ में महीने के अंतिम कार्यदिवस के लिए अलग से आदेश जारी कर रखे हैं। इस कारण रजिस्ट्री महीने के अंतिम कार्यदिवस पर केवल राज्य के मामले ही कॉज लिस्ट में लगाती है। हाईकोर्ट रजिस्ट्री अधिकारियों ने महीने के अंतिम कार्यदिवस पर कॉज लिस्ट नहीं बनाकर लापरवाही नहीं बरती है।

अपील में यह भी कहा कि एकलपीठ में इसी प्रकार की हड़ताल उदयपुर में प्रत्येक माह की 7 तारीख को पिछले कई वर्षों से हो रही है। इसका हवाला आदेश में कहीं भी नहीं दिया। रणजीत जोशी व आनंद पुरोहित भी मौजूद थे। न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर एकलपीठ के 17 अगस्त के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को इस मामले में पक्षकार होने के कारण पक्षकार बनाया जाने के आदेश दिए है।

0 टिप्पणियाँ: