देश में वकीलों के विरोध को देखते हुए सरकार ने विदेशी लॉ फर्म्स को भारत में काम करने की अनुमति देने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। यह बात विधि मंत्री वीरप्पा मोइली और ब्रिटेन के विधि मामलों के संसदीय उपसचिव लॉर्ड विलियम बैच के बीच मुलाकात में सामने आई।
बैच ने देश में विदेशी वकीलों को प्रैक्टिस की इजाजत दिए जाने पर जोर देते हुए कहा था कि अगर ऐसा नहीं हो सका तो कम से कम उन्हें अपने भारतीय सहयोगियों को सलाह देने की इजाजत मिलनी चाहिए। जवाब में मोइली ने उनसे कहा कि भारतीय वकीलों को भरोसे में लिए बगैर इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। भारतीय वकील विदेशी वकीलों को प्रैक्टिस की इजाजत देने के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि इससे उनके हित प्रभावित होंगे।
बैच ने देश में विदेशी वकीलों को प्रैक्टिस की इजाजत दिए जाने पर जोर देते हुए कहा था कि अगर ऐसा नहीं हो सका तो कम से कम उन्हें अपने भारतीय सहयोगियों को सलाह देने की इजाजत मिलनी चाहिए। जवाब में मोइली ने उनसे कहा कि भारतीय वकीलों को भरोसे में लिए बगैर इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया जा सकता। भारतीय वकील विदेशी वकीलों को प्रैक्टिस की इजाजत देने के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि इससे उनके हित प्रभावित होंगे।
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