राजस्थान हाई कोर्ट ने महिला वकील से मारपीट के मामले में बुधवार को रोजनामचा व अन्य रिकार्ड साथ नहीं लाने पर पुलिस अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा कि आईजी बुलाते हैं तो पूरा रिकार्ड साथ लेकर जाते हो और कोर्ट बुलाता है तो हाथ हिलाते हुए आते हो, क्या आपने कोर्ट को मजाक समझ रखा है।
हाई कोर्ट ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक (ग्रामीण) को निर्देश दिए कि वे आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर 24 घंटे में कोर्ट में पेश करें। यदि पेश नहीं किया तो उनके खिलाफ आरोपियों को शरण देने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर.सी.गांधी व न्यायाधीश महेश भगवती की खंडपीठ ने यह निर्देश अनिता खंडेलवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
हाई कोर्ट के आदेश की पालना में खंडपीठ के समक्ष अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ओमप्रकाश कटारिया व उपाधीक्षक (ग्रामीण) सुरेन्द्र सिंह सागर व आरोपी पुलिस निरीक्षक करण सिंह पेश हुए, लेकिन दूसरा पुलिसकर्मी एएसआई कजोड़सिह पेश नहीं हुआ। इस पर खंडपीठ ने पुलिस अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्होंने ही आरोपी पुलिसकर्मियों को शरण दे रखी है। खंडपीठ ने कहा कि वे 24 मई 09 तक सरकारी कार्यालय पर हाजिरी दे रहे थे और पुलिस लाइन में आ-जा रहे थे, लेकिन फिर भी मातहत पुलिसकर्मी उन्हें दिखाई नहीं दिए जो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया, जबकि एफआईआर 19 मई को ही दर्ज हो गई थी।
खंडपीठ ने पुलिस अफसरों से पूछा कि मामले में क्या जांच की है तो उन्होंने कहा कि वह रोजनामचा में दर्ज है। खंडपीठ ने पूछा कि क्या रोजनामचे व अन्य रिकार्ड लेकर आए हो तो पुलिस अफसरों ने मना कर दिया। इस पर खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि आईजी के पास तो पूरा रिकार्ड लेकर जाते हो और कोर्ट में हाथ हिलाते आते हो, क्या आपने कोर्ट को मजाक समझ रखा है।
खंडपीठ ने पुलिस अफसरों को निर्देश दिया कि वे 24 घंटे में आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश करें। गौरतलब है कि सांभर कोर्ट में पैरवी पर गई महिला वकील व उनके पति से 18 मई को रेनवाल थाने के तत्कालीन एएसआई कजोड़मल व जोबनेर थाना इंचार्ज ने पुलिस बल सहित मारपीट कर महिला वकील के अपहरण का प्रयास किया था।
हाई कोर्ट ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक (ग्रामीण) को निर्देश दिए कि वे आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर 24 घंटे में कोर्ट में पेश करें। यदि पेश नहीं किया तो उनके खिलाफ आरोपियों को शरण देने के आरोप में कार्रवाई की जाएगी। हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर.सी.गांधी व न्यायाधीश महेश भगवती की खंडपीठ ने यह निर्देश अनिता खंडेलवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
हाई कोर्ट के आदेश की पालना में खंडपीठ के समक्ष अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) ओमप्रकाश कटारिया व उपाधीक्षक (ग्रामीण) सुरेन्द्र सिंह सागर व आरोपी पुलिस निरीक्षक करण सिंह पेश हुए, लेकिन दूसरा पुलिसकर्मी एएसआई कजोड़सिह पेश नहीं हुआ। इस पर खंडपीठ ने पुलिस अफसरों को लताड़ लगाते हुए कहा कि उन्होंने ही आरोपी पुलिसकर्मियों को शरण दे रखी है। खंडपीठ ने कहा कि वे 24 मई 09 तक सरकारी कार्यालय पर हाजिरी दे रहे थे और पुलिस लाइन में आ-जा रहे थे, लेकिन फिर भी मातहत पुलिसकर्मी उन्हें दिखाई नहीं दिए जो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया, जबकि एफआईआर 19 मई को ही दर्ज हो गई थी।
खंडपीठ ने पुलिस अफसरों से पूछा कि मामले में क्या जांच की है तो उन्होंने कहा कि वह रोजनामचा में दर्ज है। खंडपीठ ने पूछा कि क्या रोजनामचे व अन्य रिकार्ड लेकर आए हो तो पुलिस अफसरों ने मना कर दिया। इस पर खंडपीठ ने फटकार लगाते हुए कहा कि आईजी के पास तो पूरा रिकार्ड लेकर जाते हो और कोर्ट में हाथ हिलाते आते हो, क्या आपने कोर्ट को मजाक समझ रखा है।
खंडपीठ ने पुलिस अफसरों को निर्देश दिया कि वे 24 घंटे में आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश करें। गौरतलब है कि सांभर कोर्ट में पैरवी पर गई महिला वकील व उनके पति से 18 मई को रेनवाल थाने के तत्कालीन एएसआई कजोड़मल व जोबनेर थाना इंचार्ज ने पुलिस बल सहित मारपीट कर महिला वकील के अपहरण का प्रयास किया था।
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