उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उपभोक्ता अदालतें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत दूरसंचार सेवाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई नहीं कर सकतीं। उच्चतम न्यायालय का यह निर्णय दूरसंचार आपरेटरों को बड़ी राहत प्रदान करेगा। सेवाओं में कमी के लिए दूरसंचार आपरेटरों को उपभोक्ता अदालतों में घसीटा जाता रहा है। न्यायमूर्ति मार्कडेंय काटजू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हमारे विचार में जब टेलीफोन बिल में विवाद के संबंध में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 7 बी में विशेष उपचार उपलब्ध है तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपचार पर रोक होनी चाहिए। पीठ ने कहा कि टेलीग्राफ अधिनियम की धारा 7.बी के तहत केन्द्र सरकार द्वारा विवाद के निपटान के लिए एक मध्यस्थ की नियुक्ति का प्रावधान है और मध्यस्थ द्वारा किए गए निर्णय पर किसी भी अदालत द्वारा प्रश्न खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।
सम्पूर्ण निर्णय
न्यायालय के मुताबिक, टेलीग्राफ अधिनियम जो एक विशेष कानून है, के प्रावधान उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम जैसे सामान्य कानूनों से ऊपर हैं।
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न्यायालय के मुताबिक, टेलीग्राफ अधिनियम जो एक विशेष कानून है, के प्रावधान उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम जैसे सामान्य कानूनों से ऊपर हैं।
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