पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Wednesday, September 16, 2009

आमेर महल में लाइट एवं साउंड शो एवं ऑडियो गाइड सिस्टम को हरी झंडी।

राजस्थान हाई कोर्ट ने आमेर महल में लाइट एवं साउंड शो एवं ऑडियो गाइड सिस्टम को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश जगदीश भल्ला एवं न्यायाधीश मुनीश्वरनाथ भंडारी ने यह आदेश सोमवार को स्वप्रेरित संज्ञान एवं नीरजा खन्ना की याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिया। खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता जी.एस. बापना को निर्देश दिया कि वे इन्हें तत्काल प्रभाव से शुरू करवाएं। मामले की सुनवाई मंगलवार को भी अंतिम बहस के लिए जारी रहेगी।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने 18 अगस्त के आदेश से महल में संचालित की जा रही सभी व्यावसायिक गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके तहत आमेर महल में शाम को संचालित किए जाने वाले लाइट एंड साउंड शो एवं ऑडियो गाइड सिस्टम को भी बंद कर दिया था।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अभिनव शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यावसायिक गतिविधियों के नाम पर महल में गैर व्यावसायिक गतिविधियों को भी बंद कर दिया है जो कि जनहित से जुड़ी हुई थीं। उन्होंेने कहा कि किले के स्वरूप को आकर्षक बनाने के लिए व पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए लाइट एंड साउंड शो व ऑडियो गाइड सिस्टम संचालित किया जा रहा था, लेकिन इन गतिविधियों को व्यावसायिक मानते हुए बंद कर दिया।
खंडपीठ ने इस संबंध में महाधिवक्ता बापना से पूछा तो उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश की पालना में ही इन्हें बंद कर दिया था। इस पर खंडपीठ ने लाइट एंड साउंड शो व ऑडियो गाइड सिस्टम को शुरू करने का निर्देश दिया।

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