पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Tuesday, September 8, 2009

फास्ट ट्रेक अदालतों का कार्यकाल बढाने पर विचार।

केन्द्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि देश के सभी राज्यों में फास्ट ट्रैक अदालतों ने बहुत अच्छा कार्य किया है, इसलिए इनका कार्यकाल मार्च 2010 से भी आगे बढाए जाने पर गम्भीरता से विचार किया जा रहा है। इन अदालतों का गठन लम्बे समय से लम्बित पडे मुकदमों का निस्तारण करने के लिए किया गया था और मार्च 2010 में समाप्त हो रहा है।मुख्य न्यायाधीश के जी बालाकृष्णनन और न्यायाधीश पी सदाशिवम की खण्डपीठ से केन्द्र की ओर से सॉलीसिटर जनरल गोपाल सुब्रमणियम ने कहा कि केन्द्र फास्ट टै्रक अदालतों कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही उसे आगे बढाने पर फैसला कर लिया जाएगा। केन्द्र इस पर गम्भीरता से विचार कर रहा है। फास्ट टै्रक अदालतों से सम्बंधित एक याचिका पर सभी राज्यों और उच्च न्यायालयों की त्रैमासिक एवं स्थिति रिपोर्ट की समीक्षा करने के दौरान सॉलीसिटर जनरल ने खंडपीठ को इस बारे में सूचित किया।

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