राजस्थान में नया नगरपालिका कानून मंगलवार से लागू हो जाएगा। स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभाग ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। प्रदेश में अब नगरीय निकायों के चुनाव नए कानून के हिसाब से ही कराए जाएंगे। इसके लिए वार्डो और महापौर, सभापति और नगरपालिका अध्यक्ष के पदों के लिए आरक्षण की लॉटरी 20 अक्टूबर से पहले निकाली जाएगी।
स्वायत्त शासन, नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख सचिव जी.एस. संधु ने बताया कि वार्डो के आरक्षण के लिए लॉटरी का प्रस्ताव भिजवाया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के समय भी नया नगरपालिका कानून अध्यादेश से लागू किया था, लेकिन उसका विधानसभा में विधेयक नहीं लाने से उस समय यह कानून लागू नहीं हो पाया था। बाद में गहलोत सरकार ने इसे लागू किया है।
नए कानून में सभी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इससे पहले महिलाओं को वार्डो में 33 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान था। जबकि युवाओं को प्रत्येक पांच में से एक वार्ड में आरक्षण मिलेगा। महिलाओं को आरक्षण केवल वाडरें में ही मिलेगा। इससे पहले नवंबर में होने वाले 45 निकायों के चुनाव के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से लॉटरियां निकाल दी गई थीं। अब इन निकायों में भी नए सिरे से लॉटरियां निकाली जाएंगी।
यह नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
- किसी सक्षम न्यायालय से 6 माह या इससे अधिक सजा से दंडित किया गया हो।
- किसी न्यायालय में ऐसा मामला विचाराधीन हो, जिसमें 5 साल से ज्यादा की सजा का प्रावधान हो।
- खाद्य अपमिश्रण कानून के तहत मिलावट का दोषी ठहराया गया हो।
- केन्द्र अथवा राज्य सरकार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया हो या पद से हटा दिया हो
- दो से अधिक संतानें हों या उस पर दो साल की स्थानीय निकाय की बकाया राशि हो, जिसकी वसूली की कार्यवाही शुरू कर दी गई हो।
- नगरपालिका की संपत्ति अथवा धन के गबन का आरोप हो।
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