
राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेटस एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने मुख्य न्यायाधीश का परिचय देते हुए कहा कि न्यायाधीश भल्ला ने उस समय शपथ ली जब मारवाड़ हाईकोर्ट के विभाजन की मांग के मुद्दे पर जल रहा था। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उस समय जोधपुर जल नहीं रहा था बल्कि निखर रहा था। इसी का नतीजा है कि मुख्यपीठ और विखंडित होने से रह गई। उन्होंने कहा कि हमें किसी प्रदेश या क्षेत्र विशेष के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए।
हाईकोर्ट के विभाजन की मांग को खारिज करने पर दिए गए धन्यवाद के जवाब में भल्ला ने कहा कि आदमी आदमी को क्या देगा, जो भी देगा खुदा देगा। मुख्य न्यायाधीश स्वागत समारोह में बहुत की सहज नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि वे 23 वर्ष तक बार में रहे है और आज फिर उन्हें बार में आने का मौका मिला है। उनका कहना था कि प्यार की कोई भाषा नहीं होती, कौन कहता है मोहब्बत की कोई जुबां नहीं होती, यह हकीकत तो निगाहों से बयां होती है।
हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी, लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद पुरोहित ने भी समारोह में विचार व्यक्त किए। संचालन उपाध्यक्ष विनय जैन ने किया जबकि महासचिव नाथूसिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। समारोह में हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों के न्यायाधीश, रजिस्ट्री अधिकारी व अधिवक्ता मौजूद थे।
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