हाईकोर्ट बैंच स्थापना की राह में रोड़े अटका रहे जयपुर व जोधपुर संभाग के अधिवक्ताओं के विरूद्ध शेष 5 संभाग के अधिवक्ता लामबन्द होने लगे है। शेष पांचों संभाग के अधिवक्ता अब एकजुट होकर राज्य व केंद्र सरकार के विरूद्ध न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए लड़ाई लड़ेंगे। इसके लिए अधिवक्ताओं की राज्यस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।
बुधवार को अजमेर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित बैठक में उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर संभाग के वकील प्रतिनिधियों की बैठक में यह निर्णय हुआ। इस बैठक में पांचों संभाग के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। अजमेर बार कार्यालय में हुई इस बैठक में राज्य के सभी अधिवक्ताओं से एकजुट होकर न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए लड़ाई लडऩे का आह्वान किया गया।
सूत्रों के अनुसार अजमेर बार कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अधिवक्ता प्रतिनिधियों ने जयपुर व जोधपुर संभाग के वकीलों द्वारा हाईकोर्ट को एक जगह रखने की मांग पर पूर्व में किए गए विरोध पर निंदा प्रस्ताव लिया गया। साथ ही राज्यस्तरीय हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति का गठन भी किया गया जिसमें उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिभुवननाथ पुरोहित, रमेश नंदवाना, जयकृष्ण दवे, अजमेर बार अध्यक्ष देवकीनंदन शर्मा, कोटा बार अध्यक्ष ब्रह्मानंद शर्मा, बीकानेर बार अध्यक्ष आर.के. दास गुप्ता तथा बी.के. पुरोहित को सदस्य बनाया गया है। वर्तमान में इस राज्य स्तरीय संघर्ष समिति का अध्यक्ष किसी को भी नहीं बनाया गया है।
करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार के एक जगह ही हाईकोर्ट बैंच रखने के निर्णय का कड़ा विरोध किया। साथ ही निर्णय लिया गया कि यदि अधिवक्ता अलग-अलग न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए लड़ेंगे तो हाईकोर्ट बैंच का प्रत्येक संभाग में स्थापित होना संभव नहीं है। इसके लिए पांचों संभाग के अधिवक्ता प्रतिनिधियों को दिल्ली जाना होगा। तब कहीं जाकर केंद्र सरकार पर प्रभाव पड़ेगा।
अधिवक्ताओं की इस कमेटी ने निर्णय लिया कि केंद्र पर दबाव बनाने के लिए राज्य के शेष पांचों संभागों के अधिवक्ता प्रतिनिधि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर दिल्ली में धरना देंगे। साथ ही पांचों संभाग के सांसदों, विधायकों तथा मंत्रियों पर समर्थन के लिए दबाव बनाएंगे। इसके लिए कोटा में आयोजित होने वाली बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।
बुधवार को अजमेर बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित बैठक में उदयपुर, कोटा, बीकानेर, भरतपुर संभाग के वकील प्रतिनिधियों की बैठक में यह निर्णय हुआ। इस बैठक में पांचों संभाग के बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भाग लिया। अजमेर बार कार्यालय में हुई इस बैठक में राज्य के सभी अधिवक्ताओं से एकजुट होकर न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए लड़ाई लडऩे का आह्वान किया गया।
सूत्रों के अनुसार अजमेर बार कार्यालय में आयोजित इस बैठक में अधिवक्ता प्रतिनिधियों ने जयपुर व जोधपुर संभाग के वकीलों द्वारा हाईकोर्ट को एक जगह रखने की मांग पर पूर्व में किए गए विरोध पर निंदा प्रस्ताव लिया गया। साथ ही राज्यस्तरीय हाईकोर्ट बैंच संघर्ष समिति का गठन भी किया गया जिसमें उदयपुर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष त्रिभुवननाथ पुरोहित, रमेश नंदवाना, जयकृष्ण दवे, अजमेर बार अध्यक्ष देवकीनंदन शर्मा, कोटा बार अध्यक्ष ब्रह्मानंद शर्मा, बीकानेर बार अध्यक्ष आर.के. दास गुप्ता तथा बी.के. पुरोहित को सदस्य बनाया गया है। वर्तमान में इस राज्य स्तरीय संघर्ष समिति का अध्यक्ष किसी को भी नहीं बनाया गया है।
करीब दो घंटे तक चली इस बैठक में अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार के एक जगह ही हाईकोर्ट बैंच रखने के निर्णय का कड़ा विरोध किया। साथ ही निर्णय लिया गया कि यदि अधिवक्ता अलग-अलग न्याय के विकेंद्रीकरण के लिए लड़ेंगे तो हाईकोर्ट बैंच का प्रत्येक संभाग में स्थापित होना संभव नहीं है। इसके लिए पांचों संभाग के अधिवक्ता प्रतिनिधियों को दिल्ली जाना होगा। तब कहीं जाकर केंद्र सरकार पर प्रभाव पड़ेगा।
अधिवक्ताओं की इस कमेटी ने निर्णय लिया कि केंद्र पर दबाव बनाने के लिए राज्य के शेष पांचों संभागों के अधिवक्ता प्रतिनिधि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर दिल्ली में धरना देंगे। साथ ही पांचों संभाग के सांसदों, विधायकों तथा मंत्रियों पर समर्थन के लिए दबाव बनाएंगे। इसके लिए कोटा में आयोजित होने वाली बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।
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