पढ़ाई और जीवन में क्या अंतर है? स्कूल में आप को पाठ सिखाते हैं और फिर परीक्षा लेते हैं. जीवन में पहले परीक्षा होती है और फिर सबक सिखने को मिलता है. - टॉम बोडेट

Saturday, September 12, 2009

दाढ़ी की वजह से स्कूल से निकालना हास्यास्पद: कोर्ट




सुप्रीम कोर्ट ने एक मुस्लिम स्टूडेंट द्वारा दाढ़ी रखे जाने के अधिकार की मांग के मुद्दे पर शुक्रवार को मधय प्रदेश के एक कॉन्वेंट स्कूल को नोटिस जारी किया। जस्टिस बी. एन. अग्रवाल और जस्टिस जी. एस. सिंघवी की बेंच ने धार्मिक आधार पर दाढ़ी कटवाने से इनकार किए जाने के बाद मोहम्मद सलीम को स्कूल से निकाले जाने के फैसले को 'हास्यास्पद' करार दिया।

मध्य प्रदेश के निर्मला कॉन्वेंट हाईस्कूल को सुप्रीम कोर्ट का यह नोटिस एक अन्य बेंट द्वारा मामले की सुनवाई से खुद को अलग रखे जाने के बाद जारी हुआ। इससे पहले जस्टिस आर. वी. रवींद्रन और जस्टिस मार्कंडेय काटजू की बेंच ने छात्र के आग्रह
जस्टिस काटजू ने उस समय यह विवादास्पद टिप्पणी की थी कि दाढ़ी रखने की जिद को मानकर देश के तालिबानीकरण की अनुमति नहीं दी जा सकती। हालांकि जस्टिस काटजू ने बाद में छात्र द्वारा समीक्षा याचिका दायर किए जाने पर माफी मांगी और अपने आदेश को वापस ले लिया। साथ ही मामले की नए सिरे से सुनवाई की सिफारिश की। इसके बाद मामला दूसरी बेंच के पास चला गया जिसने स्कूल को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया कि इस मामले में फैसला होने तक छात्र को स्कूल में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी जाए।

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