बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि सड़क पार करने में पैदल यात्री की लापरवाही से दुर्घटना होने के बावजूद कार चालक को हर्जाना देना होगा। अदालत ने व्यवस्था दी कि महज इस तथ्य पर कि पैदल यात्री ने सड़क पार करने के लिए जेब्रा क्रासिंग का इस्तेमाल नहीं किया, कार चालक को मुआवजा भरने से राहत नहीं मिल सकती।
अदालत दुर्घटनाग्रस्त कार के मालिक मेघराज एंड संस की ओर से दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी। वाहन दुर्घटना ट्रिब्यूनल ने कार मालिक को पैदल यात्री को 5.89 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था। 23 साल पहले हुई इस दुर्घटना में विंग कमांडर जितेंद्र नाथ की मौत हो गई थी। मामले की सुनवाई कर रहीं जस्टिस निशिता म्हात्रे ने हालांकि मुआवजे की रकम कुछ घटाकर 5.21 लाख कर दी। अदालत ने कहा, 'ट्रिब्यूनल ने सही कहा है कि चालक दुर्घटना को टाल सकता था।'
घटना के अनुसार 9 अक्टूबर 1986 को जितेंद्र नाथ अपनी दो छोटी बेटियों के साथ तारपोरवाला एक्वेरियम जा रहे थे। सड़क पार करने के दौरान एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। जितेंद्र की पत्नी ने वाहन दुर्घटना ट्रिब्यूनल में दस लाख मुआवजे का दावा किया था। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा, 'हालांकि लापरवाही जितेंद्र नाथ की थी लेकिन कार मालिक को मुआवजा देना पड़ेगा क्योंकि दुर्घटना टाली जा सकती थी। कार चालक ने दुर्घटना के शिकार व्यक्ति और उनकी बेटियों को हार्न बजाकर सावधान नहीं किया था।'
1 टिप्पणियाँ:
अब तो बहुत सावधान रहने की जरूरत है शायद लोगों की रफ्तार मे इससे कुछ अन्तर आये आभार इस खबर के लिये
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