केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने इटली के व्यापारी ओतावियो क्वात्रोची के खिलाफ़ दायर बोफोर्स मामले को वापस लेने का फैसला कर लिया है. क्वात्रोची के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. चीफ जस्टिस केजी बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति बीएस चौहान की खंडपीठ को सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रहमण्यम ने बताया कि सरकार ने मामले को बंद करने और आरोप वापस लेने का फैसला कर लिया. सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बोफोर्स कंपनी के साथ 1986 में तोपों की आपूर्ति को लेकर समझौता हुआ था. 1990 में अंतिम भुगतान कर दिया गया था. उन्होंने उच्चतम न्यायालय को याद दिलाते हुए कहा कि इस सम्मानीय अदालत ने कहा था कि या तो मामला अभी जारी है या फिर नहीं. इस मामले में याचिकाकर्ता अशोक अग्रवाल ने न्यायालय से कहा है कि सीबीआइ खुले रूप से दोषियों का साथ दे रही है. क्वात्रोची के साथ ऐसे पेश आया जा रहा है कि जैसे वह देश का दामाद हो. सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि इटली के इस व्यापारी के खिलाफ़ कोई सुबूत नहीं है. उसके स्विस खातों पर लगी रोक हट चुकी है. उच्चतम न्यायालय ने इस याचिका और मुख्य याचिका की सुनवाई अब 11 दिसंबर तक के लिए टाल दी है.
Wednesday, September 30, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment